उत्तराखंड का धारी देवी मंदिर उन मंदिरों में से एक है जिनका इतिहास अत्यंत प्राचीन है। यहां का संबंध महाभारत काल से है और इसे स्थापित किया गया था धारी देवी की पूजा एवं वंदना करने के लिए।
मंदिर की स्थापना एक ऐतिहासिक परिस्थिति में हुई थी, जिसमें माँ धारी देवी के प्रतिष्ठान की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
यहां के पौराणिक कथाओं और चमत्कारी घटनाओं का जिक्र किया जाता है, जो लोगों को आकर्षित करता है।
धारी देवी मंदिर का इतिहास
धारी देवी मंदिर का इतिहास उत्तराखंड के पौराणिक और ऐतिहासिक विरासत से जुड़ा हुआ है। इसे चारधाम यात्रा के दौरान एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में माना जाता है।
मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना द्वापर युग में हुई थी, और यहां की माँ धारी देवी की पूजा द्वापर युग से ही चली आ रही है।
धारी देवी मंदिर की एक अन्य महत्वपूर्ण कथा है कि बाढ़ में मंदिर के साथ माँ की मूर्ति भी बह गई थी, जिसके बाद माँ ने चट्टान से टकराकर उस जगह की माँग की जहां आज मंदिर स्थित है, और वहां पर मंदिर की स्थापना हुई।
धारी देवी मंदिर की विशेषता
धारी देवी मंदिर की विशेषता उसकी मूर्ति में है, जो दिन में तीन अलग-अलग रूपों में प्रकट होती है। इस अद्वितीय गुणवत्ता के कारण, लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं और माँ की आराधना करते हैं।
मान्यता है कि धारी देवी माँ चारधाम यात्रा की रक्षा करती हैं, और इसलिए उनकी पूजा का विशेष महत्व है।
यहां की पूजा का प्रारंभ व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर होता है, जो लोगों को सांस्कृतिक एवं धार्मिक अनुभव प्रदान करता है।
धारी देवी मंदिर में आपदा के समय
2013 में धारी देवी मंदिर की एक महत्वपूर्ण घटना घटी थी, जब मंदिर की मूर्ति को हटाया गया था और बाद में उसी स्थान पर स्थापित की गई थी।
इस घटना ने उत्तराखंड के लोगों को साहस और सामर्थ्य का एहसास कराया और उन्हें आपदा के समय में साथ खड़े रहने के लिए प्रेरित किया।
इस घटना ने उत्तराखंड के लोगों की सामूहिक एकता को भी दिखाया और उन्होंने अपने संकल्प को नई ऊर्जा से पुनः स्थापित किया।
समापन
धारी देवी मंदिर उत्तराखंड के धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण अंग है।
इसकी पौराणिक कथाएं और चमत्कारी घटनाएं इसे अनूठा बनाती हैं और लोगों को आकर्षित करती हैं। माँ धारी देवी की कृपा से यहां के श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं और उन्हें आनंद और शांति प्राप्त होती है।
इस मंदिर की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्वपूर्णता के साथ-साथ, इसकी सुंदर वातावरणिक स्थिति भी इसे एक पर्यटन स्थल के रूप में लोकप्रिय बनाती है।
इस धार्मिक स्थल का दौरा करने से लोग अपने आत्मा को शुद्धि और आनंद महसूस करते हैं, और इसके प्रति उनकी श्रद्धा और आस्था में वृद्धि होती है।
इस रूप में, धारी देवी मंदिर उत्तराखंड की धार्मिकता, संस्कृति और विरासत का महत्वपूर्ण प्रतीक है।